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‘21वीं सदी के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकार’ संकलन का लोकार्पण

नागपुर। ‘21वीं सदी के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकार’ व्यंग्य संचयन का लोकार्पण विख्यात साहित्यकार पद्मश्री डॉ. अशोक चक्रधर के हाथों हुआ। संकलन में देश - विदेश के 131 व्यंग्यकारों में नागपुर के व्यंग्यकार टीकाराम साहू ‘आजाद’ का व्यंग्य भी है। डॉ. चक्रधर ने कहा कि व्यंग्य बहुत प्रभावशाली विधा है। यह अन्य विधाओं में भी संक्रमण करती है। इसमें युद्ध और कुश्ती का उदारहण देते हुए बताया कि जहां युद्ध का उद्देश्य व्यक्ति को समाप्त करना होता है, वहीं कुश्ती एक ऐसा खेल है जिसमें सभी खिलाड़ी एक - दूसरे की जय से खुश होते है। उन्होंने सम्पादकों को और सभी शामिल लेखकों को भी बधाई दी और कहा कि संचयन अवश्य जन - जन तक पहुंचेगा और अपने उद्देश्य में भी कामयाबी होगी। इस ऐतिहासिक और संग्रहणीय संकलन के संपादकों में से एक प्रख्यात रचनाकार और समालोचक प्रो. राजेशकुमार ने इस संकलन को साहित्य के क्षेत्र में एक उपलब्धि मानते हुए कहा कि साहित्य का कार्य लोगों को आपस में जोड़ना है। व्यंग्य विधा सभी लेखकों की प्रिय विधा है और हर साहित्यकार किसी न किसी रूप में व्यंग्य का या तो विधा के स्तर पर या उपकरण के तौर पर अपने साहित्य में उपयोग करता है। समाज के परिवर्तन और उत्थान की दिशा में व्यंग्य क्षमता को रेखांकित करते हुए कि व्यंग्यकार हमेशा उसके साथ खड़ा रहता है, समाज में जिसे उसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। संकलन के दूसरे संपादक सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार और कवि डा. लालित्य ललित ने कहा कि उन्हें व्यंग्य विधा में अपार संभावनाएं दिखाई देती हैं। न केवल वे अपने व्यंग्य लेखन के माध्यम से, बल्कि अन्य लोगों की व्यंग्य रचनाओं के माध्यम से पाठकों को साहित्य सुख देने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले वे दो बड़े संकलन तैयार कर चुके हैं, लेकिन यह संकलन विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण और आनंददायक था, क्योंकि इसके माध्यम से उन्होंने साहित्य की गुणवत्ता और साहित्य की क्षमता के बहुत से नए आयाम महसूस किए। उन्होंने कहा कि साहित्यकारों को साथ लाने के ऐसे प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। 
प्रलेक प्रकाशन समूह, मुंबई के युवा निदेशक जीतेंद्र पात्रो ने कहा कि इस तरह के संकलन को प्रकाशित करना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य होता है, क्योंकि इसे असाधारण रूप से बहुत कम समय में तैयार करके प्रकाशित किया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह संकलन लोगों में व्यंग्य को समझने और उसके आस्वादन की महत्वपूर्ण कमी को पूरा करेगा। इस संचयन में मध्य प्रदेश से 36, उत्तर प्रदेश से 22, राजस्थान से 16, दिल्ली से 12, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से 10 - 10, उत्तराखंड से 4, हिमाचल प्रदेश और बिहार से 3 - 3, पंजाब और झारखंड से 2 - 2 तथा पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, चंडीगढ़, जम्मू, तमिलनाडु और तेलंगाना से 1 - 1 व्यंग्यकार शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही कनाडा से 3 तथा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से 1 - 1 व्यंग्यकारों को संचयन में स्थान मिला है।
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