नीरी को सीएसआईआर टेक्लोलॉजी अवार्ड २०२० से किया सम्मानित
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रिस्टोरेशन आफ नाला विथ इकोलॉजिकल यूनिट्स तकनीक की विकसित
नागपुर। नाला पुररुत्थान के लिए आरईएनईयू (रिस्टोरेशन आफ नाला विथ इकोलॉजिकल यूनिट्स) नीरी की ओर से तकनीक विकसित की गई थी। वर्ष २०१९ में उत्तरप्रदेश में हुए कुंभ मेले में इस तकनीक से गंगा नदी को स्वच्छ रखने में सफलता मिली। इसके लिए नीरी को सीएसआईआर टेक्लोलॉजी अवार्ड २०२० से सम्मानित किया गया। यह तकनीक पारंपरिक एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) से अलग है। इसमें बहते गंदे पानी पर नाले में ही प्रक्रिया की जाती है। इसमें पैसा और समय कम लगता है। इसमें एसटीपी की तरह पाइप, पम्पिंग नेटवर्क जरूरी नहीं है। नीरी के संचालक डा. राकेश कुमार के नेतृत्व में डा. आत्या कपले, डा. रितेश कुमार हेमंत भारवानी, डा. रीता थोडापकर, डा. तुहीन बनर्जी ने इसे विकसित किया है। मूर्थी नायर, साईं सौरभ असोरिया, नरेंद्र कुमार शाहिक का भी सहयोग रहा। कुंभ मेले के दौरान इस तकनीक का उपयोग गंगा नदी में पानी बहाकर लाने वाले इन नालों में किया गया था। इन नालों में गंदे पानी की प्रभावी ढंग से प्रक्रिया करने से गंगा नदी शुरू होने में मदद मिली। तकनीक से नालों से उठने वाली बदबू और मच्छरों की समस्या पर भी काबू पाया गया। देश के पांच से अधिक राज्यों के १०० नालों में इस तकनीक का उपयोग किया जायेगा।