राज्य सरकार ओबीसी की स्वतंत्र जनगणना कराएं : एड. डॉ. अंजलि सालवे विटनकर
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नागपुर। केंद्र सरकार ओबीसी की स्वतंत्र जनगणना नहीं कर रहा है, तो राज्य सरकार को यह कार्य कराना चाहिए. इस संबंध में एडवोकेट डॉ. अंजलि सालवे विटनकर ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को यह मांग का ज्ञापन सौंपा. वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना के लिए आवेदन में ओबीसी के लिए एक अलग कॉलम की कमी ओबीसी के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन इसके विरोध में अधिवक्ता डॉ. अंजलि सालवे विटनकर ने पहल की और जनगणना को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की. इसके अलावा जनगणना में ओबीसी (वीजे, एनटी, डीएनटी, एसबीसी) के कॉलम नहीं, इसलिए जनगणना में हमारी सहभागिता नहीं का बोर्ड घर के बाहर लगाकर 26 नवंबर 2019 से डॉ. सालवे ने अभियान की शुरुआत की है. सैकड़ों ओबीसी लोगों ने सालवे की अपील के समर्थन में अपने घरों में बोर्ड लगा रखा है. विदर्भ के नागपुर, चंद्रपुर, गढ़चिरोली और भंडारा जिलों तथा महाराष्ट्र में अन्य स्थानों पर 'पाटी लावा' (बोर्ड लगाओ) अभियान ने आंदोलन का रूप ले लिया है. ओबीसी लोगों ने स्वेच्छा से इसमें भाग लिया है. नागपुर में दिसंबर 2019 के शीतकालीन सत्र के दौरान, विधानसभा के कई सदस्यों ने ओबीसी की स्वतंत्र जनगणना कराने का प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें केंद्र से अनुरोध किया गया था कि वह इस पर ध्यान दें. हालांकि, महाराष्ट्र विधानमंडल द्वारा पारित ओबीसी जनगणना प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने अस्वीकार कर दिया था. जनगणना 2021 के तहत ओबीसी की स्वतंत्र जनगणना करने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि, केंद्र ने अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है.