कोरोना के नाम पर अव्यवहारिकता मानवता की रोकथाम जरूरी
https://www.zeromilepress.com/2020/09/blog-post_64.html
नागपुर। पूर्व नगरसेवक नाना झोड़े एवं राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के पूर्व नागपुर अध्यक्ष ने अपनी विज्ञप्ति के माध्यम बताया कि शहर एवं ग्रामीण भागों में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। साथ ही मृत्यु दर में भी वृद्धी हो रही है किंतु इन दोनों बातों कि ओर प्रशासन पूर्ण मुस्तैदी से कार्य नहीं कर रहा है। जिससे संपूर्ण शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में भयंकर रोष निर्माण हो चुका है, जो विवशता में क्रोध का रूप धारण कर सकता है। नाना झोड़े ने आगे कहा कि लोगो की विवशता को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। इसलिए प्रशासन ने जनता की सुविधा और कोरोना मरिजो की जान बचाने हेतु निम्नलिखित कार्यशैली अपनाना चाहिए, जैसे सभी कोविड दवाखानों में कुल बेड की संख्या जिसमे भरे कितने और खाली कितने इसकी जानकारी रोजाना समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाएं। साथ ही दवाखानों के बाहर फलक लगाकर लिखी जाएं। दवाखानों में वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध है या नहीं इसकी जानकारी भी जनता को दी जाए। शासन द्वारा निर्धारित दवाखाने के शुल्क का ब्यौरा बड़े फलक पर लिखकर दवाखाने के बाहर लगाया जाए। नगरसेवक, नेतागण, मंत्री एवं लोक प्रतिनिधि की सिफारिश पर बेड आरक्षित ना रखे जाए। कोरोना से होनेवाली मृत्यु संख्या रोजाना प्रकाशित की जाए। मेयो एवं मेडिकल दवाखानो में ही कोरोना ग्रस्त मृतक का अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था की जाए। बाकी शहर के अन्य घाटो को नैसर्गिक मृत्यु से मरनेवालों के लिए सुरक्षित रखा जाए। नाना झोड़े ने कहा कि जब तक हम पारदर्शिता एवं सजगता नही रखेंगे तब तक कोरोना के नाम पर होनेवाली धांधलियों पर अंकुश नही लगेगा। साथ ही लोगो को इस पारदर्शिता के कारण सही समय पर बेड और ऑक्सीजन मिल सकेंगी तथा कई लोगों को जीवनदान मिल जायेगा। कोरोना का ये काल हम सभी के आपसी समन्वय और सहकारिता की भावना से ही हारेगा। कोरोना से कम कालाबाजारी से ज्यादा लोग मर रहे है। कोरोना के नाम पर अनाचार और अव्यवहारिकता मानवता को शर्मसार कर रही है इसकी रोकथाम करना बहुत जरूरी है।