सामाजिक योगदान में रहे व्यस्त : नरेंद्र सतीजा
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नागपुर। कोरोना वायरस के दौरान अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए समाजसेवी नरेंद्र सतीजा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान घर पर बेकार बैठने की बजाय वे सामाजिक योगदान में व्यस्त रहे। विशेष रूप से वे प्रायः रोज ही रक्तदान शिविर हेतु जाते रहे। दरअसल इन दिनों रक्त का जबरदस्त अभाव बना हुआ था और लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जाहिर है पिछले चार दशकों से मैं रक्तदान के क्षेत्र में सक्रिय रहा हूं। चूंकि रक्तदाता ब्लड बैंक तक नहीं पहुंच पा रहे थे इसलिए हमने जी. एस. के. ब्लड बैंक के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. आशीष खंडेलवाल के साथ घर पहुंच रक्त संकलन अभियान आरंभ किया। इस अभियान को शानदार प्रतिसाद मिला और रोज ही रक्तदाताओं के फोन आने लगे। कोराड़ी से उमरेड तक नये - नये लोगों से परिचय हुआ। कभी फ्लैट में, कभी कार्यालय में, कभी पार्किंग में, कभी मंदिर में तो कभी शोरूम में जाकर रक्त संकलन किया गया। जीवन का अविस्मरणीय अनुभव रहा. इस दौरान विभिन्न शासकीय विभागों के अलावा अस्पतालों में भी जाना हुआ। साथ ही स्वास्थ्य शिविर, राशन वितरण के अलावा कम्युनिटी किचन से भोजन वितरण का अवसर भी मिला। यहां तक कि किन्नरों के सहायतार्थ कार्यक्रम किये। सामाजिक योगदान के साथ अच्छा समय बीतता रहा और लोगों से आशीर्वाद मिलता रहा। यह फेहरिश्त लम्बी है। इस तमाम घटनाक्रम में दिल को ठेस भी लगी, जब मैंने महसूस किया कि कुछ अपने ही लोग दूरी बनाते नज़र आये। बहुत अजीब सा लगता जब लोग मिलने से कतराते या मिलकर तुरंत हट जाते। फिर अपने एक शुभचिंतक ने बताया कि लोग इस बात को लेकर दूरी बनाते रहे कि आपसे मिलकर उन्हें कोरोना न हो जाए। उन्होंने कहा चूंकि आप हमेशा ब्लड बैंक अथवा अस्पतालों में जाते रहे हैं और लोग डर के मारे दूरी बनाते रहे हैं। सतीजा ने कहा कि बेशक वे सक्रिय रहे हैं लेकिन तमाम सावधानियां बरतते रहे हैं। मुझे भी अपनी व अपनों की चिंता है। सेवा का सिलसिला तो बदस्तूर जारी रहेगा। लोगों के व्यवहार से मैं बिल्कुल विचलित नहीं हूँ। सतीजा ने अपील की है कि बेखौफ होकर रक्तदान करें एवं विशेष रूप से कोरोना को हरा चुके योध्दाओं को प्लाज्मा दान हेतु प्रोत्साहित करें।