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कोविड संवाद में डॉ. विनोद गांधी व डॉ. पंकज अग्रवाल का आह्वान

नागपुर। कलर्स चिल्ड्रन हॉस्पिटल के प्रसिद्ध शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद गांधी और न्यूक्लीअस मदर एंड चाइल्ड सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के संचालक तथा प्रसिद्ध शिशुरोग तज्ज्ञ डॉ. पंकज अग्रवाल ने आह्वान किया है कि कोविड के संक्रमण से बचने नियम पालन निरंतर करते रहे। किसी भी प्रकार के सौम्य लक्षण पाए जाने पर त्वरित परीक्षण कराने सूचना भी दी जा रही है। इसके बावजूद कई लोग उस सूचना की ओर अनदेखी कर रहे हैं। इसी कारण कोरोना बाधितों की संख्या बढ़ रही है। अनेक लोग कोरोना के लक्षण होने पर भी उसे छुपाते हैं तो कई लोग लक्षण नहीं होने किन्तु पॉजिटिव होने पर भी धड़ल्ले से सार्वजनिक स्थलों पर घूमते हैं, यह अत्यंत खतरे की घंटी है। इस कारण जिन पॉजिटिव लोगों में लक्षण नहीं हो तब भी वे अन्य लोगों की जान के लिए खतरा हैं, इस बात को ध्यान में रखना चाहिए। किसी भी लक्षण के लिए मनमर्जी से औषधियां नहीं लें। इंटरनेट पर बताए जाने वाले उपचार नहीं लें। महापौर संदीप जोशी की संकल्पना के अनुसार, नागपुर महानगरपालिका और इंडियन मेडिकल असोशिएशन के संयुक्त तत्वावधान में होम आइसोलेशन में मौजूद कोविड मरीजों के लिए फेसबुक लाइव के माध्यम से आयोजित कोविड संवाद के माध्यम से वे शहर  नागरिकों से संवाद स्थापित कर रहे थे। डाक्टर द्वय ने इस अवसर पर नागरिकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के समर्पक उत्तर देकर उनकी शंकाओं का निराकरण किया। डॉ.विनोद गांधी ने कहा कि आज देश में 80 से 90 प्रतिशत लोगों को कोरोना से खतरा नहीं है। किन्तु जिन्हें पहले से ही कुछ बड़ी व्याधियां, बीमारियां हैं, ऐसे 10 प्रतिशत लोगों को अधिक खतरा है। अपने कारण कोरोना का संक्रमण नहीं फैले, अन्य लोगों के साथ धोखा न हो, इसके लिए सर्वोत्तम पर्याय 17 दिनों तक विलगीकरणात में रहना ही है। लक्षण न हो अथवा सौम्य माध्यम से आयोजित कोविड संवाद के माध्यम से वे शहर के नागरिकों से संवाद स्थापित कर रहे थे। डाक्टर द्वय ने इस अवसर पर नागरिकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के समर्पक उत्तर देकर उनकी शंकाओं का निराकरण किया। डॉ.विनोद गांधी ने कहा कि आज देश में 80 से 90 प्रतिशत लोगों को कोरोना से खतरा नहीं है। किन्तु जिन्हें पहले से ही कुछ बड़ी व्याधियां, बीमारियां हैं, ऐसे 10 प्रतिशत लोगों को अधिक खतरा है। अपने कारण कोरोना का संक्रमण नहीं फैले, अन्य लोगों के साथ धोखा नह हो, इसके लिए सर्वोत्तम पर्याय 17 दिनों तक विलगीकरणात में रहना ही है । लक्षण न हो अथवा सौम्य लक्षण होने पर भी विलगीकरण में रहना आवश्यक है। इसके लिए मनपा के कोविड केअर सेंटर में व्यवस्था की गई है। यदि घर में स्वतंत्र कमरा और स्वतंत्र प्रसाधन गृह हो तो घर में ही विलगीकरण में रहा जा सकता है। किन्तु इस काल में स्वयं के प्रति सावधानी बरतना आवश्यक है। किसी भी प्रकार की शारीरिक तकलीफ महसूस होने पर त्वरीत मनपा के अथवा अपने समीपस्थ डाक्टर से फोन पर संपर्क करें. इंडियन मेडिकल असोसिएशन द्वारा भी फोन पर समुपदेशन सुविधा शुरू की गई है। वहां भी फोन कर जानकारी दे सकते है। किन्तु अपने ही मन से कोई प्रयोग नहीं करें। कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला प्रसूति के बाद जन्म बालक को स्तनपान करा सकती है किन्तु उसे मास्क लगाना अत्यावश्यक है। कोरोना का संक्रमण बड़ों के साथ छोटे बच्चों को भी हो सकता है। इस कारण छोटे बच्चों के प्रति भी सावधानी बरतें।  कोरोना को गंभीरता से लें। मरीज को कहां तक खतरा है, इसका निदान करने के लिए सीटी स्कैन करना अत्यावश्यक है। जब तक शहर अथवा देश के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव नही आ जाती तब तक यह खतरा बरकरार रहना है।  प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिये नियमित व्यायाम करना आवश्यक है। घर में हो तो प्राणायाम करें। किसी भी प्रकार की तकलीफ या बुखार हो तो व्यायाम टालें। यह भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। कोरोना का संक्रमण मृत व्यक्ति की अपेक्षा जिंदे इंसान द्वारा अधिक प्रमाण में होता है। 
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