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07 फ़रवरी, 2025

बसंतोत्सव - 2025 में नागपुर के तीन साहित्यकार अविनाश बागड़े, रामकृष्ण सहस्रबुद्धे, मुकेश सिंह सम्मानित


नागपुर/मुंबई। विद्यापीठ के कवि कुसुमाग्रज सभागृह में नेहरू युवा केन्द्र, मुंबई, पूर्वांचल मानस मंडल तथा रामकुमार पाल 64 फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से बसंतोत्सव - 2025 कार्यक्रम का दो दिवसीय आयोजन 1 व 2 फरवरी को किया, जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य अधिवेशन में महाराष्ट्र सहित देश के छह राज्यों के कवियों ने सहभाग लिया।

मराठी भाषा भवन में आयोजित कार्यक्रम में हिंदी साहित्य जगत की स्वर कोकिला अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा प्राप्त कवयित्री डॉ. कीर्ति काले जी ने अधिवेशन की अध्यक्षता की। विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि निडर जौनपुरी, गोविंद भारद्वाज तथा रामकृष्ण सहस्त्रबुद्धे जी ने व संचालन सदाशिव चतुर्वेदी, उमेश मिश्र ‘प्रभाकर’, इंदू ‘अजनबी’ तथा अल्हड़ असरदार ने बारी बारी से किया। 

इस अवसर पर महानगर में साहित्यिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए साहित्यिक, सामाजिक तथा शैक्षणिक संस्था भारती प्रसार परिषद को ‘साहित्य सेवा सम्मान’ से सम्मानित किया गया। परिषद के अध्यक्ष रमेश बहादुर सिंह को नगदी व प्रमाण पत्र दे कर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथियों में डॉ. मंजु लोढ़ा, चंद्रशेखर शुक्ला, राष्ट्रीय कथावाचक डॉ. चद्रांशू जी महाराज उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि विजयराजे धमाल, दद्दन सिंह, सुषमा सिंह, प्रविण देशमुख की उपस्थिति रही। स्वागताध्यक्ष रामकुमार पाल, देवेंद्र तिवारी ने सभी का स्वागत सम्मान किया। रामअशिष गुप्ता, बिट्टू जैन सना तथा राजेश ऋतुपर्ण ने कार्यक्रम की सफलता में विशेष योगदान दिया।

विशेष उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में बाबू शोभनाथ मेमोरियल ट्रस्ट, संगीत साहित्य मंच, सुधा साहित्य सामाजिक संस्था, हृदयांगन साहित्यिक संस्था, उज्जवल भारत सेवा संस्था, नवांकुर साहित्यिक संस्था, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, मुंबई, हस्ताक्षरम् साहित्यिक संस्था तथा शौर्य फाउंडेशन आदि संस्थाओं ने सहयोग किया। वरिष्ठ साहित्यकार कमलेश पाण्डेय तरूण तथा हौशिला प्रसाद अन्वेषी ने पर्यवेक्षक की भूमिका में अपनी उपस्थिति दर्ज की। इस अवसर पर छगनलाल मुथा की पुस्तक ‘निवृत्ति के पल मुथा के संग’ का लोकार्पण भी हुआ। अंतरराष्ट्रीय व्यंग्यकार महेश दुबे विशिष्ट कवि उपस्थित रहे।

स्मृति शेष हरीश शर्मा यमदूत, लालता प्रसाद सिंह, मुकेश चंदन, प्रविण अंगारा, फूलचंद प्रजापति व मोतीलाल बजाज के संरक्षण व मार्गदर्शन में राजेश दुबे ‘अल्हड़ असरदार’ के नेतृत्व में रामजीत गुप्ता, सत्यभामा सिंह, अन्नपूर्णा गुप्ता, रजनी साहू, संगीता दुबे, संगीता पांडे, अजय बनारसी, लक्ष्मी यादव तथा बिपिन दुबे ने मिलकर कार्यक्रम का आयोजन सुनिश्चित किया।

बरेली उत्तर प्रदेश से ओज कवि कमलकांत तिवारी, ललितपुर से पंकज अंगार, लखनऊ से डॉ. विभा प्रकाश, भोपाल से मुकेश कबीर, इंदौर से शीतल देवयानी, तेलंगाना से एम विजय कुमार, नागपुर से अविनाश बागड़े, मुकेश मुसाफिर, प्रमोद पारखी, लातूर से डॉ. मीना घुमे, जलगांव से रत्नाकर खरोटे, माधव खरोटे, पूना से डॉ. जगदीशचंद्र तथा मुंबई व उपनगरों से राकेश त्रिपाठी, संदीप प्रजापति सुमित्रा गुप्ता अरूण अनुरागी, रेखा किंगर रोशनी, श्रीधर मिश्र, किरण तिवारी, संदीपिका दुबे, अभय चौरसिया, अंजली शुक्ला, जवाहर लाल निर्झर हीरालाल हीरा, ताज मोहम्मद ताज, जयराम सिंह, रामकृष्ण गुप्ता, शारद प्रसाद दुबे, रीना धीमान स्वर्ण, काजू निषाद, पल्लवी रानी, भारत दुबे तथा राघव दुबे आदि कवियों ने विभिन्न रसों से भरपूर कविताओं का पाठ किया। चुनी गई रचनाओं को श्रेष्ठ रचना सम्मान से सम्मानित किया गया।