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संगीतोपासक संस्था के ‘गीत गाता चल’ कार्यक्रम ने प्रशंसकों की पुरानी यादें कर दी ताजा


नागपुर। बोल्ड प्रदर्शन के साथ पुराने और नए युग के 28 लोकप्रिय मधुर गीतों के चयन ने प्रशंसकों के दिलों पर कब्जा कर लिया और उन्हें उदासीन बना दिया। संगीतोपासक संस्था की ओर से 'गीत गाता चल' नामक युगल गीत का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम गुरुवार 11 जनवरी 2024 को शाम 6 बजे साइंटिफिक ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। 


‘रात के हमसफर, तेरे बिना जिंदगी कोई, कुछ कुछ होता है, अहा रिमझिम के, कितना पिया वादा, तेरे मेरे मिलन की, वादा करो नहीं, तुम नजर, भीगी भीगी रातोंमें, देखो मौसम, लगी छुटेना, मुझको तुम जो मिले, ‘आके तेरी बाहों में, हर शाम लागे सिंदुरी', ओ मारिया, मैं चली मैं चली जैसे 28 नए पुराने युगल आयोजक दिलीप रापटे, विवेक सकदेव, संजय कुलकर्णी सहित आबा भोगे, 


श्रीकांत पैठनकर, मोहन पांडे, सतीश बल्लाल, सुशील गाडेकर, प्रकाश कुलकर्णी, चेतन एलकुंचवार, दीपा रापटे, संगीता गाडवे, गायिका कविता खोंड, शुभलक्ष्मी पितले, वंदना कडू, मानसी बढ़े, पूजा अय्यर, खुशाली कोडापे, डॉ. वैशाली खंडाईत ने म्यूजिक ट्रैक पर बहुत सुंदर प्रदर्शन किया। सीमा गोगायन ने प्रस्तुति का ध्यान रखा। 


कार्यक्रम के लिए प्रसिद्ध शेफ विष्णु मनोहर, प्रसिद्ध साहित्यकार वर्षा किडे कुलकर्णी, प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. विनोद खंडाईत एवं वरिष्ठ संगीत सलाहकार कृष्णा भोयर सर उपस्थित थे। कार्यक्रम के आरंभ में लेखिका वर्षा किडे कुलकर्णी एवं कृष्णा भोयर सर द्वारा दीप प्रज्जवलन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रशंसक शामिल हुए और गानों का आनंद लिया।

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