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उभरते सितारे में 'नव संकल्प'

                        

नागपुर। हतोत्साहित, निराशा और प्रेरणा हीनता से ऊपर उठकर नए उत्साह, दृढ़ निश्चय के साथ नव संकल्प लेकर जीवन में आगे बढ़ना होगा। यह विचार श्री स्पंदन रेमंडल जी ने व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि, उभरते सितारे इस मंच से ही मेरी संगीत सफर की शुरुआत हुई। तथा, उन्होंने अभिभावकों से भी कहा कि आपके बच्चों में जो भी कला हो, जैसे गायन, डांस खुलकर उनका साथ दें। जिससे उन्हें आगे अच्छा कर दिखाने का मौका मिले। कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने भी नव संकल्प विषय पर बच्चों को अच्छे सुझाव दिए। और नव संकल्प जीवन में उन्नति के लिए क्यों आवश्यक है, यह समझाया।


विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं के लिए लोकप्रिय उपक्रम ,'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत  ज्ञानवर्धक संगीतमय कार्यक्रम 'नव संकल्प' थीम पर, उत्कर्ष हॉल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में भीलगांव, कामठी के ईरा इंटरनेशनल स्कूल के व्यवस्थापक श्री. स्पंदन रेमंडल जी उपस्थित थे। इनका सम्मान, संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागतवस्त्र और मोमेंटो देकर किया।

तत्पश्चात, कुछ बच्चों ने भी इस विषय पर प्रकाश डालते हुए बहुत ही सुंदर प्रस्तुतियां दी। जिसमें, संपूर्णा रेमंडल ने नव संकल्प पर एक सुंदर कविता सुनाईं। हर्षाली हरणे, अनन्या आचार्य, श्रेया हरणे, दुर्योधन निकोडे, निर्भय लाकुड़कर, गौरांश दशमवार, सुनीता हरणे, गौरांग शिंदे, पुलस्त्य तरारे, भव्या अरोरा ने शानदार गीत सुनाए। संपूर्णा रेमंडल और आराध्या मोहतुरे के शानदार नृत्य की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया।

प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को कृष्णा कपूर, योगीता तरारे, बाबा खान, मोनिका रेमंडल, आशा वेदप्रकाश अरोरा, सुहास तिरपुडे, दक्ष दाते, प्रीति अभिषेक आचार्य, वंदना जनबंधु, स्वर्णा पंकज दशमवार, स्मिता शेंडे आदि ने खूब सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा उपस्थित दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।
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