छात्रों को युगस्त्रि सावित्रीबाई फुले के संघर्षपूर्ण विचार को अपनाना चाहिए : शैल जेमिनी कडू
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यशवंतराव चव्हाण केंद्र द्वारा मातृवंदन कार्यक्रम
नागपुर/हिंगणा। युग स्त्री सावित्रीबाई फुले ने समाज में शिक्षा की जड़ों को मजबूत बनाने और उससे एक समाज का निर्माण करने के लिए महिला शिक्षा के माध्यम से बहुत सारे सामाजिक कार्य किए हैं। सावित्रीबाई फुले महिला शिक्षा की प्रणेता थीं, उन्होंने उस समय की कई रूढ़ियों और परंपराओं को तोड़ते हुए पत्थर, गोबर और कीचड़ सहकर भी महिला शिक्षा के लिए संघर्ष किया।
स्व. देवकीबाई बंग विद्यालय में आयोजित मातृवंदन कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध वक्ता इस युगस्त्री सावित्रीबाई फूलेके संघर्षमय विचारों को विद्यार्थियो ने अपनाना चाहिए ऐसा प्रतिपादन यशवंतराव चौहान सेंटर नागपुर द्वारा ज्ञान ज्योति ज्ञान ज्योति सावित्रीबाई एवं राज्य मास्टर जिजाऊ उनके जन्मदिन के पर्व पर हिंगना के स्व देवकीबाई बंग विद्यालय में आयोजित मातृवंदन कार्यक्रम में सावित्री मां का समान विचार इस विषय पर बोलते हुए सुप्रसिद्ध वक्ता एकांकी नाटककार शैल जैमिनी ने किया तथा बौद्धिक जिजाऊ विषय पर बोलते हुए साहित्यकार डॉ. लीना निकम ने कहा कि विद्यार्थियों को नवीनता की दृष्टि से पढ़कर, चिंतन और मनन करके अपनी बुद्धि को उज्ज्वल रखना चाहिए। जिजाओं जैसी कई भाषाओं में महारत लेनी चाहिए। परिस्थिति भले ही खराब हो, लेकिन विचार खराब नहीं होने चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री रमेशचंद्र बंग ने की, जबकि यशवंतराव चव्हाण केंद्र नागपुर जिला केंद्र के अध्यक्ष महेश बंग, रवि देशमुख, डॉ. मंजूषा सावरकर, अरुणा बंग, प्रधानाचार्य नितिन तुपेकर सेंट जेवियर्स के प्रधानाचार्य अश्लेषा पारखी मौजूद थीं।
कार्यक्रम का स्वागत भाषण डॉ. महेश बंग ने दिया। संचालन आनंद महाले ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य शशिकांत मोहिते ने किया। कार्यक्रम की सफलता हेतु. देवकीबाई बंग विद्यालय और जूनियर कॉलेज, नेहरू विद्यालय और जूनियर कॉलेज के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत की।